रविवार, 1 जनवरी 2012

शुभकामनाएं - नए रूप


पहले मैं शुभकामनाओं के लिए, सुखाए गए पत्तों या काग़ज़ के… अपने हाथ से बनाए ग्रीटिंग कार्ड भेजता था.
फिर दुकान से ख़रीद कर भेजने लगा.
फ़ोन आने पर, फ़ोन से ही शुभकामनाएं दे दी जातीं.
कंप्यूटर आने पर इलेक्ट्रानिक ग्रीटिंग कार्ड जाने लगे.
फिर इलेक्ट्रानिक ग्रीटिंग कार्ड के बजाय केवल ई-मेल भेज कर काम चलाने लगा.
मोबाईल आए तो SMS से शुभकामनाएं दे दी जातीं.
फ़ेसबुक आने से अब बस वहां लिख आता हूं (जिसे पढ़ना हो जाकर पढ़ ले भई).
कल हो सकता है कि मैं मन ही मन सोच कर इतिश्री मान लूं कि चलो पीछा छूटा, हो गया ये काम भी :)
00000
-काजल कुमार

8 टिप्‍पणियां:

  1. वर्ष 2012 आपके लिए एक अवसर है शांति पाने का, मालिक आप सबको शांति के ख़ज़ाने से भर दे।
    http://hbfint.blogspot.com/2012/01/happy-new-year-2012.html

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  2. Well done .

    सभी पाठकों और संरक्षकों को नववर्ष की मंगलकामनायें!

    भाषा और प्रेज़ेन्टेशन सभी कुछ दिलकश !!

    http://shekhchillykabaap.blogspot.com/

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  3. आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को नववर्ष की शुभकामनायें
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  4. नहीं ... पीछा नहीं छूटेगा , फिर से बनाइये सूखे पत्तों पर नए वर्ष का आगमन ...
    नया वर्ष प्रभु के आशीर्वचनों से परिपूर्ण हो ...

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  5. नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें।

    -समीर लाल

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