
कई साल बीत गए, गॉंव
का एक पुराना दोस्त उससे मिलने उसके दफ़्तर आया. दोनों काफी देर बातें करते रहे.
लेकिन उसके दोस्त ने पाया कि अब वह बात धीमे से करता है और उन बातों पर बस मुस्कुरा
के रह जाता है जिन पर कभी वह ठहाके लगाया करता था. दोस्त ने उसकी ऑंखों में
झॉंका. ‘ठहाका लगा कर हँसने वाले को यहॉं गँवार माना जाता है, यार.’ कह कर वह सीट
से उठा और दोनों धीरे-धीरे कैंटीन की ओर चल दिए.
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