पिता
–‘अजी सुनती हो, हमारे बेटे को खेल-कूद और यारों-दोस्तों से कभी फ़ुर्सत नहीं रही,
वो हमेशा से ही उछल कूद करने वाला हंसमुख बच्चा रहा है. यहां तक कि कभी कभी तो
वो मुझ से भी मज़ाक कर लिया करता था. कॉलेज पास करने के बाद भी उसमें कोई खा़स
बदलाव नहीं आया. ठीक है, उसे कुछ समय तक कोई बहुत बड़ी नौकरी नहीं मिली पर फिर
भी, अब उसे एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम तो मिल ही गया है न. तुम कह रही थी कि उसकी
तन्ख्वाह भी बुरी नहीं है. पर कुछ समय से देख रहा हूं कि वह बुझा-बुझा सा रहता
है, यार दोस्तों के साथ उठना बैठना भी कम कर दिया है उसने, कई बार तो उसे फ़ोन
पर दोस्तों से लगभग लड़ते भी सुना है मैंने, कुछ चिड़चिड़ा सा भी हो गया है वो.
क्या तुम्हें नहीं लगता कि वह तुनुक-मिजाज़ हो गया है और कई बार तो एक दम से गुस्सा
करने लगता है ! ज़रा पूछना तो उसे, क्या बात है !’
मॉं
–‘अजी पूछना क्या है, टेलीमार्केटिंग कंपनी में है, फ़ोन पर सारा-सारा दिन लोगों
की झिड़कियां सुनेगा तो और क्या होगा जी!’
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सच में बहुत पेशेंश चाहिए वहाँ के लिए ! एक बात और आपके इस ब्लॉग के माफत आपको बताना चाहता था कि काफी समय से आपके दुसरे ब्लॉग (कार्टून ब्लॉग) को खोलने में अक्सर यह दिक्कत सामने आ रही है कि जैसे ही वहाँ क्लिक करो, वहा आता है Oophs! reload site परिणामत : क्रोमा में खोली गई एनी साइटे भी इसी मैसेज के साथ एक एक कर बंद हो जाती है, कृपया चेक कीजिये न !
जवाब देंहटाएंभाई गोदियाल जी, kajal.tk रिडायरेक्शन सर्विस है, कभी कभी इसका सर्वर इस प्रकार का मज़ाक कर लेता है :-) ऐसे में ब्लॉग का पूरा UR, http://kajalkumarcartoons.blogspot.in/ लिखने से पेज खुल जाना चाहिए.
हटाएंकाम का स्ट्रेस अच्छे भले आदमी की यही गत बना देता है. टेलीमार्केटिंग मे काम करके कोई बंदा हंसता हुआ मिल जाये तो उसे प्रणाम कहियेगा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
काम के स्ट्रेस और फिर मल्टीनेशनल कंपनी ... पूरा जूस निकाल लेती हैं ...
जवाब देंहटाएंएक मार्मिक सच... प्रभावी तरीके से बताया आपने!
जवाब देंहटाएंकुँवर जी,
टेलीमार्केटिंग कंपनी में काम करने वाले बंदो के व्यवहार का एकदम सही नक्शा खींचा है आपने :)
जवाब देंहटाएंवाह काजल जी कमाल की लघुकथा।
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