शनिवार, 3 दिसंबर 2011

दुनिया

दुनिया
बहुत ख़ूबसूरत है.

बात बस इतनी सी है कि
कौन किस नज़र से देखता है.

अपना नक़ाब उतारो
आओ इसे साथ-साथ देखें.

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3 टिप्‍पणियां:

  1. केवल देखना ही सत्य है जो देखा जा रहा है वह गलत भी हो सकता है परम एक दम से निरपेक्ष अलग थलग एक दम से कुछ भी नहीं है .

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  2. आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपका इंतजार रहेगा ।

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